काश ऐसी हो जाए दुनिया,
मिट जाए आपस की दूरियाँ|
हर तरफ खुशियाँ छाए,
रोशनी से हर आँगन नहाए|
संतोष हो दिल में,
सादगी हो जीवन में|
बोली में हो मिठास,
हर रिस्ता बने खास|
खुद हंसे औरो को हंसाये,
नफरत मिटाए,
प्यार फैलाए,
माफ करना हमे आए|
काश ऐसी हो जाए दुनिया,
हर तरफ छाए खुशियाँ|
‘अनु माहेश्वरी’
चेन्नई
बहुत खूबसूरत रचना है…..अनुजी…ऐसा लगता पहले पढ़ी है…आपने पहले भी पोस्ट की थी यहाँ….
सत्य कहा आपने ………..काश ऐसा हो जाए !!
आपकी रचना जो कह रही है वही मैंने भी कहा है एक बार “आओ मिलकर देश सजाएँ” भी पढ़ें.
बहुत ही सुंदर……………………
Nice write…………
Bahut khub………