मानसून दस्तक दे गयी और रो पड़ी यह भू.तल
वर्ष दो हजार तेरह में सोलह जुलाई के दो पल।
हिम आलय से टकराकर फूट पड़ा जब बादल
चारों तरफ छा गया अंधेरा हो गया जला जल।
अफरा.तफरी मच गये ऐसे जान गॅवाये कितनें
बाढ़ रूप में आये आफत मकाम गवाये कितनें।
मंदिर.मठ कितने ही टूटे मस्जिद.घर.गुरूद्दारे
कितनों के किस्मत फूटे कितने संसार उजाडे़।
हेमकुण्ड पर्वत घाटी के कटकर बह गये माटी
देव भूमी प्रलय यह कैसा नष्ट हुआ सब थाती।
हाहाकार चमोली केदारनाथए बदरी और उत्तरकाशी
टिहरी रूद्रप्रयाग मग्न जल पौड़ी देहरादून निवासी।
पिथौरागढ़ नैनीताल मसूरी सब के सब हैं पागल
जोशीमठ और ऋषिकेशवाले कैसे हो गये घायल।
शिवनगरी में साहिब यात्रा कैसे पड़ गये भारी
चारों तरफ से घिर गये सब जैसे लगे कटारी।
भागीरथ ने स्वर्ग से जिसको लाया था धरती पर
वही भागीरथी गंगा बनकर बह निकली परती पर।
लघु रूप अमृत का इनका और बृहत भरा है विष
शिवशंकर के जट से निकले देवताओं के आशिष।
न्यारी.प्यारी कभी हितकारी कभी प्रलयंकारी रूप
वेद.पुरान.कुरानों में भी जिनका फैला हुआ अनुप।
अलकनंदा भर गये पल में बाहर हो गये पानी
हिमालय की गंगा और रूद्रप्रयाग की जवानी।
पल में परलय पहाड़ सा टूटकर गिरा चट्टान
मंदाकनी बेचारी क्या करे वो बचा न पाई जान।
पर गलती इनका नहीं इतना यह कुदरत का खेला
जिम्मेदार कुपोषन है और प्रदूषन का भरा झमेला।
बी पी शर्मा बिन्दु
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
बहुत बाखूबी से आप उस ह्रदय विदारक घटना का चित्रण किया है…….दोष हमारा ही है…प्रदूषण के साथ अनुचित निर्माण भी इसका जिम्मेदार है……
Bahut bahut sukriya sir aapke pratikriya ke liye.
Thank you.
Sahi mudde pr likha hai aapne sir bahut khub
Aapki pratikriya se main bada khush huan sir.
Thank you for your coordination.
Very nice…………………………………
haushla bulandi ke liye bahut sukritya.
बहुत खूबसूरत सृजनात्मकता !!
HAUSHLA BULANDI KE LIYE BAHUT SUKRIYA.