बदलता कुछ भी नहीं बस अपने ख्याल बदल जाते हैं
समय का फेरा है जिन्दगी के हालात बदल जाते हैं।
एक से नहीं रहते हरदम किसी एक के भी जाग़ीर
मछली रहती समन्दर में उनके जाल बदल जाते हैं।
कि कोई भी किसी के अब नहीं वस में रहने वाला
मतलब एक जीने का मगर सुर ताल बदल जाते हंै।
भरोसे में अब नहीं रहता कोई भी पहले की तरह
थाने अपनी जगह मगर हवलदार बदल जाते हैं ।
जमाने से कोई शिकवा नहीं न गिला है अब कोई
दिल एकसा सबका मगर दिलदार बदल जाते हैं ।
जो मरजी करलो हो सके अगर तो तोड़ लो तारे
हवाला.घोटाला निरंतर बस सरकार बदल जाते हैं।
किसे अच्छा और अब आप किसेे खराब कहियेगा
आदमी रहता है वही बस व्यवहार बदल जाते हैं।
बी पी शर्मा बिन्दु
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
आप थोड़ा टाइपिंग करते टाइम ध्यान दीजिए….उससे जो आप लिखते हैं और सुन्दर लगेगा….बहुत खूबसूरत भाव….
Font change ki wazah se ish taraha ki error shabdo ke uper aa rahen hain. ishke liye hamen bahut khed hai.
very very thank you sir.
” SHABDO KE MAKAD JAL MEN PHASH GAYE ULLU KA KAYA THIKANA
MERA MATLAB HAI BASH AAP SAB KE DIL ME PYAR SE BASH JANA ”
Thank you.
Mai apne sathi Babucm ji Bilkul sahmat hu……………..
Font change ki wazah se ish taraha ke error hain , ishkey liye hamen apshosh hai.
Thank you sir aab mein ishe sudhar diya huan.
बहुत खूबसूरत भाव………………………………..
VIJAY SHAHAB JEE AAPKA BAHUT BAHUT DHANYABAD
” SHABDO KE MAKAD JAL MEN PHASH GAYE ULLU KA KAYA THIKANA
MERA MATLAB HAI BASH AAP SAB KE DIL ME PYAR SE BASH JANA ”
Thank you.
बिंदु रचना के भाव बहुत खूबसूरत है बब्बू जी की सलाह पर अमल करे !!