जरुरी नहीं है फरिश्ता होना ,
इंसा का काफी है इंसा होना ||
हकीकत ज़माने को अब रास नहीं आती,
एक गुनाह सा हो गया है आईना होना ||
बाद में तो… कारवां बनते जाते है,
बहुत मुश्किल है लेकिन पहला होना ||
हवाओं के थपेड़े झेलने पड़ते है, ऊंचाई पे,
तुम खेल समझ रहे हो परिंदा होना ||
ये लोग, जीते जी मरे जा रहे हैं,
मैं चाहता हूँ मौत से पहले जिंदा होना ||
अपनी गलतियों पे भी नजरे झुकती नहीं अब,
लोग भूलने लगे हैं शर्मिंदा होना ||
हर्फे मोहब्ब्त, पढ़ा हमने भी था “मोहन”,देखा भी था
वफ़ा होना खफा होना जफ़ा होना जुदा होना ||
# हेमन्त मोहन
Please have a look on video version
click here…
हेमन्त जी मै चाहता हूँ मौत से पहले जिन्दा होना, क्या खूब जीवन जीने की बारीकी को शव्द दिया है आपने……..
शुक्रिया सुरेन्द्र जी … आप जसे पारखी कम ही मिलते हैं
मैंने अपने शब्दों को आवाज देने का एक छोटा सा प्रयास किया है.. अपने कीमती समय में से थोड़ा सा समय निकाल कर एक बार मेरे इस प्रयास का अवलोकन करें. आप जैसे प्रबुद्धजनों की प्रतिक्रिया मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी |
बहुत खूबसूरत रचना ………….
धन्यवाद मधुकर जी … आपकी सराहना मेरे लिए उत्साहवर्धक है
यथार्थ को चरितार्थ करती खूबसूरत रचना अति सुंदर !!
धन्यवाद निवातियाँ जी … अपना आशीर्वाद बनाए रखें
बहुत खुब खूबसूरत रचना ………………………
धन्यवाद अभिषेक जी … अपना साथ एवं प्यार बनाए रखें
बहुत ही खूबसूरत अफ्लाज….वाह……
बहुत बहुत शुक्रिया जी .. आपकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक है
अपनी गलतियों पे भी नजरे झुकती नहीं अब,
लोग भूलने लगे हैं शर्मिंदा होना ………..
Superb lines Sir
धन्यवाद जी .. आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए दर्पण का काम करती है … प्रेम बनाए रखें
और
जी हम तो अभी छात्र ही हैं 🙂
Very very very nice………………………………..
thank you so much Vijay ji…
हेमंत जी…बड़ी ही खूबसूरती से जीवन की सचाई को बयां किया है आपने वहा।
शुक्रिया शिवा जी ..आपने बड़ी ख़ूबसूरती से ग़ज़ल को समझा हैं, अपना साथ बनाए रखें
बहुत ही उम्दा सत्य को चरितार्थ करती नज्म है। इस प्रकार की कविताएं जीवन के पथ सेभटके मनुष्यों को उनकी उदासीनता, गैर जिम्मेदार रवैये को अाइना दिखाने तथा मार्गदर्शन करने का काम करती है।
बहुत बहुत आभार|