हे कमलनाथ, हे आनंदसागर
हे नंदलाला , हे बनवारी
करू आरती मन श्रध्दा से
तेरी लीला सबसे न्यारी
मिलती है शांति तेरी चरणों में
आजा भगवन मेरी गलियों में
मिटा दे मेरे मन की पीड़ा
हे मधुसुदन , हे गिरधारी
वो नटखट मेरे घनश्याम
रटता रहूँ कान्हा तेरा नाम
हे बालगोपाल , हे मदनगोपाल
प्रिया नाम के तू है पूजारी
हे जगन्नाथ , हे मुरलीमनोहर
हे गोपालप्रिया , हे मुरलीधर
आ मेरे मन वृन्दावन में
हे मनमोहन , हरे मुरारी
झुमें नाचे धरती गगन
हे माधव तेरे पाके दर्शन
हे ज्ञानेश्वर ,हे देवकीनन्दन
हे कमलनयन ,हे बांके बिहारी
दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”
Bahut hi pyara sumiran hai Sir…..Bahut khub
आप का आभार दिल से
बहुत खूबसूरत स्तुति…..आप “वो नटखट मेरे घनश्याम” वो” को “हे” या “हो” करें तो कैसे लगेगा….
झुमें नाचे धरती गगन
हे माधव तेरे पाके दर्शन
झूमें धरती संग गगन के…
हे माधव तेरे दर्शन पा के….