चाहत मेरी जब इबादत बन गयी,
पूछा मुझसे किसी ने खुदा का पता,
नज़र मेरी यार के चहेरे पर थम गयी,
दिखता नहीं उसके सिवा कोई और,
जर्रे जर्रे में उसकी तस्वीर बन गयी,
सूरत को निहारने वाली नज़र,
नज़र को भाने वाली सूरत मिल गयी,
दिल को किसी और के लिए,
धड़कने की वजह मिल गयी,
तन्हा बैठे बैठे यु ही “मनी” को
मुस्कुराने वाली बात मिल गयी,
वाह…..खुबसूरत. ….
thanks amar ji
चाहत जब इबादत हो जाती है तो यार खुदा बन ही जाता है ……………………… बहुत ही बढ़िया मनी !!
तहे दिल से शुक्रिया सर्वजीत जी आपका
बहुत खूबसुरत भाव ….अति सुंदर !!
बहुत बहुत शुक्रिया निवातियाँ जी आपका
वाह
प्रीति के रंग हज़ार
उसे व्यक्त करने की कला और उसके हुनर मन्द हर बन्दे को सलाम!!
तहे दिल से शुक्रिया अरुण जी इस सराहना के लिए
जिसमे रब दिखता है वो ही तो असली मुहब्बत है
बहुत बहुत शुक्रिया शिशिर जी आपका
वआह भाई वआह……बहुत ही खूबसूरत……
भाई साहब आपके प्यार का कमाल है………बहुत बहुत शुक्रिया |