एक कर्म सुनाम कमाये,
एक कर्म बेनाम रह जाये|
एक कर्म बदनाम बनाये||
एक आग जग को दिखाये,
एक आग जग को खिलाये|
एक आग जग को जलाकर राख बनाये||
एक पानी प्यास बुझाये,
एक पानी अन्न उगाये|
एक पानी दुनिया को डुबाये||
एक हवा श्वास दिलाये,
एक हवा जग को उड़ाये |
एक हवा जीवन मिटाये ||
एक नारी जन्म दे जगजननी कहलाये,
एक नारी संग दे संगिनी कहलाये|
एक नारी कामलिप्त हो कुलटा कहलाये||
एक फूल सुगंध फैलाये,
एक फूल सुन्दरता दिखाये|
एक फूल दुर्गन्ध फैलाये||
एक पेड़ जो फल उगाये,
एक पेड़ जो जग साजाए|
एक पेड़ जो डंडा बन मार खिलाये||
एक अन्न जो भूख मिटाये,
एक अन्न जो रोग बढ़ाये|
एक अन्न जीवन घटाये||
एक प्राणी दूजे के काम आये ,
एक प्राणी दूजे को खाये|
एक जवान दूजे के खातिर अपनी जान गवांये ||
एक समय नवजीवन दे ,सफल बनाये खुशियाँ लाये,
एक समय दुःख मे कष्ट दिलाये बड़ा रुलाये|
एक समय सबको बिन बुलाये दुनिया से मिटाए||
यही जीवन की सच्चाई है.
Sooooo niceee poem
So reality…. natural poem
जीवन के विविध रंगों से सुंदर चित्रण
जीवन का सत्य है……………………………………………………..बहुत खूब…
धन्यवाद आप सवी को …..अपने कीमती सुझाव देने के लिए……
यथार्थ से परिपूर्ण सुंदर अभिव्यक्ति ….!!
वाह क्या बात है …….