ये तड़प भी बड़ी अजीब होती है,
पर क्या करुँ ? दिल को’अजीज’
होती है,
छुप-छुप के मोहब्बत करने की जरूरत नहीं,
हम तो’वर्णान्ध’हैं,
‘जुनून-ए-इश्क’के सफर में ।।
-आनन्द कुमार
आनन्द कुमार पुत्र श्री खुशीराम गुप्ता
जन्म-तिथि- 1 जनवरी सन् 1992
ग्राम- अयाँरी ( हरदोई ) उत्तर प्रदेश
शिक्षा- परास्नातक ( प्राणि विज्ञान )
वर्तमान में विषय- "जीव विज्ञान" के अन्तर्गत अध्यापन कार्य कर रहा हूँ । मुख्यत: कविता, कहानी, लेख इत्यादि विधाओं पर लिखता हूँ । इनके माध्यम से जीवन की निरन्तरता, मौलिकता, अपने विचारों एवं भावनाओं को रखने का प्रयास करता हूँ ।
email - [email protected]
होम टाउन - हरदोई (उत्तर प्रदेश)
bahut khub sir……………………
धन्यवाद! श्रीमन् ‘मनी’ जी
Nice line……
Thanks! ‘D. K’ sir
क्या बात है…….खूबसूरत…..