अपने मन को अब मंदिर बना लीजिये
उसमें लाकर भगवन को बिठा दीजिये ।
सुमन विश्वास का उन पर चढ़ा दीजिये
दीप दिल में ही अपना जला लीजिये ।
जिन्दगी देखो तो तेरी फिर सवर जायेगी
बहुत भटके थे उन्हे अब मना लिजिये ।
कण कण में बसे हैं देखो उनको अगर
याद करके आखों में ही बसा लीजिये ।
मंदिर मस्जिद चर्च गुरूद्वारा देखे बहुत
भ्रम छोड़कर भरोसा अब जमा लीजिये ।
बहुत सताया है माया और ममता तुम्हें
सत्य राहों पर खुद को चला लीजिये ।
याद रखना अपना करम ये और धरम
संस्कृति धरोहर है तेरी बचा लीजिये ।
बुरी आदतें अब तो बदल डालो तुम
सेवा जन जन में ऐसा फैला दीजिये ।
बी पी षर्मा बिन्दु
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
बिन्दुजी….बहुत सुन्दर है……
इसके कुछ शेर मैंने पहले पढ़े हैं…आपने पहले कहीं इसको पब्लिश किया है….ख़ास तौर से ये
“मंदिर मस्जिद चर्च गुरूद्वारा देखे बहुत
भ्रम छोड़कर भरोसा अब जमा लीजिये ।”
Sujhao ke liye bahut bahut sukriya
bahut khub bindu ji
Thank you sir for your comments
अति सुन्दर ……….
Dhanyabad sir aapke Sath ke liye
बहुत खुब ……………..
Dhanyabad aapke prem bhare abhiwadan ke liye