About The Author
नाम: डी. के. निवातिया
जन्म स्थान : मेरठ , उत्तर प्रदेश (भारत)
शिक्षा: परास्नातक, शिक्षा में स्नातक सहित
विशेष रूचि :- लेखन एव पाठन कार्य में खुद के लिए कुछ समय व्यतीत करना
समस्त कवियों, लेखको एवं पाठको के द्वारा प्राप्त टिप्पणी एव सुझावों का ह्रदय से आभारी तथा सुझाव एवं प्रतिक्रियाओ का आकांक्षी !!
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सत्य वचन निवातियाँ जी
Many many thanks shishir ji….
बहुत अच्छा सर………
Many many thanks Arun….
A collection of immortal lines….बहुत अच्छा sir
Thanks for your comment Shyam …………..
चाहे पुष्प हो या इंसान हुनर को ही सलाम होता है …………… बहुत बढ़िया निवातियाँ जी !!
सत्य कहा आपने ………………अनेको धन्यवाद आपका सर्वजीत जी !!
बहुत खूबसूरती से जीने का हुनर ब्यान कर दिया आपने….सही कहा…ज़िन्दगी वही जीता है जो हर मुसीबत से लड़ने का हुनर जानता है….
सत्य वचन बब्बू जी ………………तहदिल से शुक्रिया आपका !!
सच कहा है निवातियाँ जी उगते सूरज को ही सब सलाम करते है ल बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद राजीव आपका !!
बहुत खूबसूरत रचना …………………………………निवातियाँ जी
बहुत बहुत धन्यवाद अभिषेक आपका !!
Very nice sir……………………………
तहदिल से शुक्रिया विजय आपका …………
वाह क्या बात है निवातियाँ जी………..
तह दिल से शुक्रिया मनी आपका …………
खूबसूरती से जग की रवायत को दर्शाया है आपने ! अति सुन्दर !!
अनेको धन्यवाद मीना आपका !!
हमेशा हुनर को ही सलाम किया जाता हैं.
Most Welxome & Thanks for Comments………….C.K.
जीवन का सार भी यही है डी के सर….. रचना के भाव के लिए आपको साधुवाद!
तहदिल से शुक्रिया सुरेन्द्र जी ……………!!
Very beautiful composition… Sir!!!
Thanks SWATI……………….