दुआ
उसके कांधे पे सर रख के रोने का दिल करता है
उसके सीने पे सर रख के सोने का दिल करता है
उसके दिल की धड़कन बन के झूमने का दिल करता है
उसको अपनी बांहों में भर के चूमने का दिल करता है
दुआ है मेरी रब से तू अपना करम हम पे कर दे
मोहब्बत से खाली मेरी झोली तू अपनी रहमत से भर दे
शायर : सर्वजीत सिंह
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बहुत ही बढ़िया………..सर्वजीत जी अति सुन्दर !!
बहुत बहुत धन्यवाद ……………………….. अभिषेक !!
इतने बढ़िया तरीके से दुआ मांगी है तो पूरी तो होगी……बहुत खूब सर्वजीत जी
जरूर पूरी होगी क्योंकि दोस्तों की दुआयें भी तो साथ हैं ……………………….. बहुत बहुत आभार मनी !!
वआह…….इससे बेहतरीन दुआ हो ही नहीं सकती……तथाअस्तु…….
उत्साह वर्दक प्रशंसा के लिए बहुत बहुत आभार आपका ………………………. शर्मा जी !!
अति सुन्दर………………………उसको अपनी बांहों में भर के चूमने का दिल करता है
आपकी खूबसूरत प्रशंसा के लिए आपका बहुत बहुत आभार ……………………….विजय जी !!
मुहब्बत पाने की दीवानगी. अति सुंदर
तहे दिल से आपका शुक्रिया ……………………………………. मधुकर जी !!
मुहब्बत की अरदास इससे बढ़कर क्या हो सकती है ………………….. लाजबाब सर्वजीत जी !!
आपकी हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया ……………………………. निवातियाँ जी !!