तेरा हाथ हो मेरे हाथ में l
ना डर लगे फिर साथ में ll
ना कोई चिन्ता मुझे सताए l
जब तू मेरा साथ निभाएं ll
कैसी भी सोच हो किसी की l
नहीं परवाह मुझे किसी की ll
तेरे लिए सब से लड़ जाऊंगा l
सातो जन्म साथ निभाऊंगा ll
तुमनें ही मुझे समझा l
तुमनें ही मुझे जाना ll
अपनों ने न की परवाह l
मुझे बना दिया बेगाना ll
हर मुश्किल में मेरा साथ निभाया l
जब से तुम्हे जीवनसाथी बनाया ll
खुश हू मैं,मुझे जो तुम मिल गयी l
तुम्हें पाकर मेरी जिंदगी सवर गयी ll
सोचता हू………………………..
तुम ना होती तो मेरा क्या होता l
शायद मेरा जीवन अधूरा होता ll
तुम्हारे विश्वास को ना टूटने दूँगा l
मरते दम तक तुम्हारा साथ दूँगा ll
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बहुत अच्छे राजीव ……!!
ह्रदय से आभार निवातियाँ जी l
Very nice……….
धन्यवाद अलका जी l
बहुत खुब…………….राजीव जी
सराहने के लिए धन्यवाद अभिषेक जी l
बहुत ही अच्छे वादे किये हैं आपने, बहुत खूब………………..
धन्यवाद विजय जी l
जीवनसाथी के बिना जीवन जीने की कल्पना ही नहीं की जा सकती …………………… बहुत बढ़िया राजीव जी !!
धन्यवाद सर्वजीत जी l ये सच है जीवनसाथी के बिना जीना ऐसे ही है जैसे बिन पानी मछली l
बेहतरीन राजीव जी …….
धन्यवाद मनी जी l
सुंदर भाव राजीव. ईश्वर आपके अनुराग को बनाए रखे
धन्यवाद मनी जी l
शिशिर साहब ह्रदय से आपका आभार व्यक्त्त करता हू l
राजीव जी उम्दा भावो का बेहतरीन प्रदर्शन करने पर आपको नमन!
वाह!
सुन्दर रचना राजीव जी !
कविता को पढने और सराहने के लिए धन्यवाद मीना जी l
बहुत बढ़िया….क्या बात है…..
बब्बू जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद l
राजीव जी एक बहरीन भाव सम्प्रेष्ण से लबरेज शब्द संयोजन के लिए साधुवाद आपको!
Thank u so much Surender ji