सच्चे आशिक कि पहचान हैं मोहब्बत
धड़के जो महबूब के अन्दर वो जान हैं मोहब्बत
मिल गयी नजर तो मुस्कान हैं मोहब्बत
खो दिया तो यादों का एहसास हैं मोहब्बत
जिसने देखे रातों में वो खाव्ब हैं मोहब्बत
तन्हाई में सताती याद हैं मोहब्बत
टुटते दिल से मिला वो दर्द हैं मोहब्बत
लुट गया वफाओ के नाम पे, बेवफा हैं मोहब्बत
:-अभिषेक शर्मा
बहुत सुंदर रचना…….
बहुत बहुत धन्यवाद……प्रियंका जी
अति सुन्दर रचना !
बहुत बहुत धन्यवाद……मीना जी
अभिषेक भाव बहुत खूबसूरत है……वर्तनियों में सावधानी बरते ….अंतिम पद में शब्द ‘लूट’ में मुझे संशय है शायद ‘लुट’ होना चाहिए …यदि मेरे समझने में भूल हुई तो कृपया सार स्पष्ट करे !!
आपका दिल से शुक्रिया……निवातियाँ जी माफी
Great Abhishek……………
पसंद के लिए आपका दिल से शुक्रिया…… शिशिर जी
बहुत अच्छा लिखा है आपने……… उम्दा रचना अभिषेक जी।
बहुत बहुत आभार आपका ………
अभिषेक जी
आपकी रचना बहुत अच्छी है। विशेषतः
‘मिल गयी नज़र तो मुश्कान है मोहब्बत’
बहुत खूब…
बहुत बहुत आभार आपका ………अरूण जी
बहुत ही खूबसूरत रचना
बहुत बहुत आभार आपका ………काजल जी
बहुत ही बढ़िया ……………………………. अभिषेक !!
Very Nice.
तहे दिल से शुक्रिया …………………सर्वजीत जी !!
अभिषेक जी….किसे अच्छा और किसे सबसे अच्छा शेर कहूं….मुझे सारे ही लाजवाब लगते हैं…
बहुत बहुत आभार आपका ………बब्बू जी
वाह मोहब्बत वाह ! क्या बात है अभिषेक जी बहुत खूब l
तहे दिल से शुक्रिया ………………राजीव जी
बहुत सुंदर………………………………….
बहुत बहुत आभार आपका ……विजय जी
अभिषेक जी बहुत ही बेहतरीन
बहुत बहुत आभार आपका …मनी जी