ऐ कलम ठहर जा अभी,
मेरी आँखों में आसुओ के जाम बाकी है,
दिल के हज़ारों टुकड़े हुए,
हर टुकड़े पर उसकी बेवफाई की छाप बाकी है,
उम्मीद न कर मुझसे,
ख़ुशी का गीत कोई लिख पाउँगा,
दिल से दिल को बटाने का,
खेल खेला था उसने,
चल गयी वो चाल अपनी, मेरी चाल का चलना बाकी है,
लत नहीं मुझे रम में रम जाने की,
उम्मीद नहीं उसके परत आने की,
पड़े उसकी किताबो में सूखे गुलाबो का,
बेशकीमती लिबासो, बुलेट के पेट्रोल का हिसाब बाकी है,
दस्तूर कैसा है ये ज़माने का,
जब तक चाहा खेला जज्बातो से,
चलो जहाँ भी रहे वो खुश रहे,
शादी उसकी में यार बन उसका, मेरा नाचना अभी बाकी है,
दुःख-सुख, आना-जाना,
हसना-रोना सारी उम्र लगा रहेगा,
दिल खोल के हस लो यारो, जितनी जिंदगी बाकी है |
वाह! मनी जी आपने अपने मन के खोये जज्बातों को बड़ी कुशलता से उकेरा है। टूटे प्रीति के शीशे बिखर कर बस चुभन ही देते हैं। लेकिन ऐसी चुभन भरे दर्द से उठती कराह ,शब्दों का सहारा लेकर अनगिनत समीपभाव वाले दिलों को राहत देती है। इस अभिव्यक्ति के आनन्द को लूट लीजिये। साहित्य के आस्वादन की शायद ये पराकाष्ठा हो।
तहे दिल से आपका शुक्रिया अरुण जी आपकी इस सुन्दर प्रतिक्रया के लिए
बहुत हीी सुन्दर मनी जी
बहुत बहुत शुक्रिया अभिषेक जी आपका
बहुत अच्छे मनी …………..दिन प्रतिदिन आपकी लेखनी में निखार नजर आ रहा है भावो की अभिव्यक्ति सुदृढ़ रूप धारण कर चुकी है जो हर्ष का विषय है !!
निवातियाँ यह सब आप जैसे गणमान्यों विद्वानों के सुझाव और सराहना का नतीजा है आप आगे भी ऐसे मार्गदर्शन करते रहे | अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है | तहे दिल से और प्यार से आपकी इस होसला अफजाई के लिए शुक्रिया |
“दुःख-सुख, आना-जाना,
हसना-रोना सारी उम्र लगा रहेगा,
दिल खोल के हस लो यारो, जितनी जिंदगी बाकी है” is the real beauty of this work. Good fun filled write Maninder
शिशिर जी आपने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया है तभी में कुछ हद तक अच्छा लिख सका हु आगे भी मुझे इसी प्यार और आपके सुझावों की जरूरत रहेगी | बहुत बहुत धन्यवाद शिशिर जी
ब्यूटीफुल लाइन , खुबसूरत रचना
बहुत बहुत धन्यवाद काजल जी आपका
खुबसूरत रचना मनी जी…….
बहुत बहुत धन्यवाद प्रियंका जी आपका भी |
अभीं-अभीं तो जुदा हुए हैं,
तेरी याद तो आएगी…
कुछ वक़्त गुजर जाने दे,
फिर आदत सी हो जाएगी…
Bahut Hi Khubsurat Rachna “Mani” Ji
बहुत बहुत धन्यवाद इन्दर जी आपका भी |
मेरे टूटे हुए दिल से कोई तो आज ये पूछे के तेरा हाल क्या है . ………………….. बहुत बढ़िया मनिंदर सिंह मनी जी!!
सर्वजीत जी मुझे आप सिर्फ मनी कह संबोदित करे तो मुझे ज्यादा अच्छा लगेगा, आप ज्ञान और उम्र में मुझसे बड़े है | तहे दिल से शुक्रिया आप का इस होसला-अफजाई के लिए |
खूबसूरत रचना मनिन्द्र जी !
thanks meena ji