में पुराने यादो के कुछ पन्नो को , आँखे मीचे जब याद करूं
दिल ही दिल में गुज़ारे लम्हों को , फिर से जीने की आस करूं
कुछ खुशनुमा थे हालात मेरे , जब यारो की नगरी थी ……….
कुछ गीली सुखी यादें थी , और बड़े ज़ोर की बारिश थी …….
में उन गुज़री बारिश में , भीग जाने की चाह करूं
में उन गिरती बूँदों से, खुद ही खुद को आबाद करूं …
में पुराने यादो के कुछ पन्नो को , आँखे मीचे जब याद करूं
जब डर के एहसास से ही , आँखे छलका करती थी
उन गहरी रातो में जब , बिजली सी कौंधा करती थी
अब न तो ऐसे हालात मेरे , और न ही है जज़्बात मेरे
छुप जाऊं उन यारो के संग , एक छोटी सी चादर में
फिर वही खिंचा तानी में , गुंसो मुक्को की बारिश में
में रूठ जाऊं मेरे यारो , और तुम मुझको मनाने आओ
में पुराने यादो के कुछ पन्नो को , आँखे मीचे जब याद करूं
अब तो बस में सोच रही , तुम से मिलने का प्लान करूँ
पर फिर से इस भगम दौड़ी में , में खुद को कुर्बान करूं
तुम आपनो से भी बढ़कर थे , मीठी मीठी बूँदी जैसे …
हर एक में भरा रस अमृत था , छूकर जिसका में पान करूं
तुम भी खो गए इस जीवन में , जीवन की दुनियादारी में
बस तुम सब की यादें है , मेरे हिर्दय की इस फुलवारी में
में पुराने यादो के कुछ पन्नो को , आँखे मीचे जब याद करूं
अति सुंदर…………………
thanks , abhishek Ji
लाजवाब तमन्ना जी ………..
thanks mani ji
बहुत ही खूबसूरत रचना है ……यादो के कुछ पन्नो….
thanks vijay ji
आप की इस रचना पे मेरे विचार;….
“जितना कहा जाय वो कम है
आप के इन पन्नों में यादें तक नम हैं
हमने जो देखा इनको आपकी आँखों से
कुछ गिरे फूल मुस्काये मेरी भी यादों से
कुछ गिरे फूल मुस्काये…….”
बहुत ही उम्दा रचना तमन्ना जी….वाह…
thanks arun kumar ji
बहुत ही अच्छी सुगंध बिखेरी है यादों की आपने……अत्यन्त सुन्दर…..
thanks ji , Aap sabh ka sukriya
अति सुंदर………………………
thanks ji ankit ji bahut bahut sukriya
बहुत अच्छे, तम्मना । Friendship Day पर दोस्तों के नाम, सुन्दर कविता ।
thankyu ji bimla dhillon ji
बीते वक़्त की हसीं यादो को बड़ी खूबसूरती से पेश किया है आपने …..अति सुंदर !!
thankyu nivitiya ji
तमन्ना जी क्या खूब लिखा आपने
dhanyawaad soni ji
तमन्ना जी खुबसूरत रचना पर आपका आभार…….!