छम छम बाजे रे पायलिआ….
छम छम बाजे रे पायलिआ
दिल पे गिरे है बिजुरिया…..
दिल पे गिरे है बिजुरिया…..
छम छम बाजे रे पायलिआ…..
सिमटी रातें कजरारे नयन में…
सांसें झूमें संग बाली कानन के…
सांसें झूमें संग बाली कानन के…
डस रही जुल्फें नगनियां…..
अधर शबनमी जब जब लरजें…
होश उड़ाएं पागल हुए मन के…
होश उड़ाएं पागल हुए मन के…
मन नाचे ता ता थएआ….
छम छम बाजे रे पायलिआ….
गाल तेरे हैं लाल गुलाबी….
मन हो जाए देख शराबी….
दिल पे चले हैं छुरियाँ……
दिल पे चले हैं छुरियाँ……
छम छम बाजे रे पायलिआ….
टप टप मटके जब तेरी कमरिया….
छप छप छलके प्यार की गगरिया…
अंग अंग करत नचनियाँ….
अंग अंग करत नचनियाँ….
छम छम बाजे रे पायलिआ….
चाल से तेरे गीत सजाऊँ….
आँखें तर से प्रीत जगाऊँ….
” बब्बू” की यही दुनियाँ…..
छम छम बाजे रे पायलिआ….
दिल पे गिरे है बिजुरिया…..
छम छम बाजे रे पायलिआ….
आ आ आ आ…..
छम छम बाजे रे पायलिआ….
आ आ आ आ…..
छम छम बाजे रे पायलिआ….
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/सी.एम. शर्मा (बब्बू)
बहुत बढ़िया सी एम शर्मा जी लगता है आप ने भी बिजुरिया गिरा दी |
हा हा हा…..शुक्रिया…..बहुत बहुत….
मस्ती भरा गीत है. बहुत अच्छा छम छम बाजे रे पायलिआ….
विजयजी…आप जैसे गुणीजन को पसंद आया…..आभार आपका…..
बहुत बढ़िया बब्बू जी के क्या कहने…………
बहुत बहुत शुक्रिया….अभिषेक जी….
अति सुंदर प्रणय गीत बब्बू जी …….
बहुत बहुत आभार आपका……
अच्छे बोल…
एक शरारती अंदाज़ को समेटे
ये भी लिखना आसान नहीं।
वाह…
हा हा हा…..आप का बहुत बहुत शुक्रिया…….
…………अति सुंदर बब्बू जी …
बहुत बहुत आभार आपका……
Very beautiful composition… Sir!!!
ह्रदय से बहुत बहुत आभार आप का पसंद करने के लिए……
क्या पायल छनकाई है शर्मा जी……………………….. बहुत बढ़िया !!
बहुत बहुत आभार आप का….सर्वजीतजी…..
बब्बू जी, वाद्य यंत्रो के साथ गुनगुनाने लायक बहुत खूबसूरत कर्णप्रिय गीत रचा है आपने !!
तहदिल से आभार पसंद करने के लिए…..
बाबू जी अच्छा गीत संयोजन…… बस एक गाने वाले की कमी है…. काश कोई गा कर सुना देता…!
मेरा ऐसा मानना है की आप जैसा अच्छा कवि जो दीखता भी सुन्दर हो….वह गाने में भी माहिर होता….सो आप गाइये…हम मजा लेंगे….हा हा हा…बहुत बहुत आभार आपका….