About The Author
Born at Hapur, Uttar Pradesh. Studied at Meerut University and Banaras Hindu University. Currently working as Scientist in TIFAC, New Delhi and stays at Ghaziabad. Has hobby of writing both Hindi and English Poems. Published four Hindi poetry books titled, "Yadon Ke Nasoor" , "Rooh Ke Ehsaas" , "Nishaniyan" and “Tadap”, which are easily available online at various e-commerce sites such as flipkart and amazon etc. Few english poems have got international recognition and have been used by people in their presentations, articles and reserach work.
बहुत ही सत्य वचन शिशिर जी
शुक्रिया मनिंदर…………………
अति सुन्दर शिशिर जी
धन्यवाद अभिषेक………..
बहुत अच्छा लिखा है आपने. सावित्री ने अपने सतीत्व से यम को परास्त किया था.
आपने सही कहा विजय. रचना के पीछे यही भावना थी
बहुत अच्छा लिखा है आपने
आपका शुक्रिया आदित्य …
क्या बात है…..नाकारात्मक सोच वाले जो इस समर्पण को कायरता कहते हैं या स्त्री को निरीह समझते हैं उन पर बहुत बड़ा प्रहार…..लाजवाब….
बब्बू जी आपकी विवेचनात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार ………………
bahut hi pyaari rachna.
ऋचा आपको रचना पसंद आई आपका आभार
वाह
नारी विमर्श का वास्तविक आरेख खींचती जीवन्त रचना।
बहुत ख़ूब….
अरुण जी आपके खूबसूरत कथन का धन्यवाद
अति सुन्दर भाव …..Sir!!!
डॉ. स्वाति आपका हार्दिक आभार
नारी शक्ति ज़िंदाबाद …………………….. बहुत ही बढ़िया मधुकर जी !!
सत्य वचन शिशिर जी ……बहुत अच्छे !!
धन्यवाद निवातियाँ जी …………
शिशिर मधुकर सर, नारी की समर्पण शक्ति अथाह है….. उसका वर्णन जितना भी करें हम , कम ही है। आपकी रचना में द्वितीय पंक्ति “इस धरती पर देखो कितने प्राणियों का वास है” की उपयोगिता मै इस रचना शायद प्रथम पंक्ति के ओज को समाप्त कर रही है। विनम्रता से बोलूँगा की आपकी रचना का बहुत बड़ा प्रशंशक हूँ पर जब कुछ हट कर लगता है तभी आपसे निवेदन करता हूँ।
प्रथम पंक्ति और अंतिम दो पंक्तियाँ लाजबाब है…….!
प्रिय सुरेंद्र दूसरी पंक्ति पहली पंक्ति को प्रमाणित करती है. मुझे धरती का समर्पण जो इतने लोगों का बोझ सह लालन पालन करती है बहुत प्रभावित करता है. इसे इस परिपेक्ष्य में देखे. तुम्हारी एकदम निर्भीक आलोचना तुम्हारे मेरे लिए प्रेम और सम्मान की ही द्योतक है
शिशिर सर आपके द्वितीय पंक्ति का मुल्य अब समझ में आया। और आपका आत्मीय लगाव भी मुझे अत्यंत प्रभावित करता है……! जब कभी भी मुझे भ्रम होंगा, आपको यूँही सताता रहूँगा…..! और आप अपने विशाल ह्रदय से आशीर्वचन देते रहिएगा।