सुबह का अलार्म
सुबह का अलार्म लगा कर सोने वालों की क्या मनोदशा होती है उसका एक poetic description करने का एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ ज़रा ग़ौर फ़रमायें ।
अधिकांश लोगों को अपनी निकलती हुई तोंद से और बढ़ते हुए weight से बड़ा psychological impact होता है और इसको लेकर वो हरदम चिंतित रहते है । इसी चिंता में पूरा साल गुज़र जाता है और 31 Dec आ जाता है । आप सबको पता ही है की 31dec को बड़े बड़े दिग्गज new year resolution लेते हैं और ,क्यों न लें यह तो मार्केट का trend है। छोटे ,बड़े celeberities की नक़ल करते हुए हमने भी एक resolution ले डाला कि हम अपना weight घटाएँगे , तोंद कम करेंगे , sugar control करेंगे और diabetes को अपने पास फटकने नहीं देंगे । इस resolution को पूरा करने का मतलब था की सुबह जल्दी उठकर हम morning walk पर जाएँगे और पार्क में जाकर exercise और प्राणायाम करेंगे ।
इसके लिए आवश्यक था की हम सुबह उठने के लिये alarm लगाते, अतः हमने यही किया ।
रात को सोने से ठीक पहले लगा दिया हमने सुबह 5बजे का alarm ,
मन ही मन संतुष्ट होकर सोचा अब पूरा करेंगे अपना resolution,
फिर पता नहीं कब हम गहरी नींद में सो गए ,
रात बीतने लगी और हम मीठे सपनों में खो गए ।
रात बीत गई और हमें सुनाई दी एक मधुर सी ringtone,
बड़े irritation से सोचा इतनी सुबह कौन कर रहा है phone,
यह तो भूल ही गये थे कि we have set alarm in iPhone ,
हल्की सी नींद टूटी तो ध्यान आया we are in alarm time zone.
8 घंटे की नींद लेकर भी नहीं भरा था हमारा मन
5मिनट और सो लेने से नहीं टूट जाएगा resolution,
यही सोच कर snooze का बटन हमने दबाया ,
नींद के आग़ोश में ख़ुद को फिर से समाया ।
नींद में आ रहा था इतना मज़ा ,
जल्दी उठना तो लगने लगी एक सज़ा ,
दिल कर रहा था दिमाग़ से यह talk ,
सच सच बता क्या ज़रूरी है morning walk .
8 घंटे सोने के बाद भी सोच रहे थे 5 minute और सो लें बस ,
ऐसी ख़ुशी , जैसे मिल रहा हो salary के ऊपर बोनस ,
उधर left brain बोला उठ जाओ नहीं तो कैसे करोगे sugar control,
प्राणायाम और walk के बिना नहीं घटेगा तुम्हारा cholesterol .
इतने में बज उठा सेकंड टाइम अलार्म ,
इस बार तो ख़ुद की सोच पर आइ बड़ी शर्म,
झटके से उठ कर बैठ गए हम तुरंत बिस्तर पर ,
अलसाए शरीर लिए आँख मलते हुए पैर रखे ज़मीन पर ।
सोचा balcony में खड़े होकर दूर करें तनिक यह नींद का घोर आलस्य ,
शायद सामने वाले पार्क में चिड़ियों की चहचाट ही बतादे जल्दी उठने का रहस्य ।
सतीश जी आपके भाव यथार्थ को समेटे हुए है, ……रचना में सार का अभाव है ….लयबद्ध कर और अधिक सुंदर बनया जा सकता है ..!! एक सुझाव मात्र है अन्यथा ना ले !!
Dhanyawad sir,
Point noted
Regards,
Sundar………
Thanks & regards
Beautiful……………….
Thanks & regards Abhisek ji
nice………………..
Thanks dear sir
अच्छा प्रयास है….
बस शब्दों को हिंदी में तलाशें। बहुत सम्भावनाएं हैं।
प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद तिवारी जी ,
आगे से प्रयास करूँगा ,
रचना के भाव खूबसूरत है…निवातियाँ जी की सलाह भी काबिले गौर है.
विजय जी ,
रचना के भाव आपको अच्छे लगे यह जान कर मेरा मनोबल बढ़ा है ।
निवतिया जी के सुझाव पर अवश्य कार्य करूँगा ।