आँखों से अश्क ना बहते,
मुड़ मुड़ ना देखती निगाहे,
गर फितरत होती तेरी,
यु ही बेवजह मुस्कुराने की,
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हर मुश्किल का जवाब हु,
कहा-अनकहा तेरा अल्फाज़ हु,
तन्हाइयो में किसी को याद करते वक्त,
गले से लग जाऊ, मैँ वो किताब हु |
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उम्मीद उस चीज़ की करो,
जिसमे आप को सकून मिल सके,
वर्ना दिल बहलाने के और भी तरीके है इस जहां में |
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मेरे हर अंदाज़ का, मेरे हर राज का,
जिक्र तेरे अल्फाज़ो में होना,
गवाही देता है तेरे इश्क की,
तेरे दिल में मेरी तस्वीर का होना |
Very nice line………………………..
गले से लग जाऊ, मैँ वो किताब हु |
धन्यवाद विजय जी आपका बहुत बहुत इतना प्यार देने के लिए
बहुत सुन्दर मनी जी
धन्यवाद अभिषेक जी………
मनीन्द्र बहुत अच्छे…….
शिशिर जी आप के मार्गदर्शन का कमाल है…..बहुत बहुत धन्यवाद
अति सुंदर ……………………..!!
तहे दिल से शुक्रिया आपका निवातियाँ जी
बहुत अच्छा संकलन।….
thanks arun kumar ji
Kuchh nahin bahut kuchh kah gaye aap….bahut hi khoobsoorat….
thanks c m sharma ji