Homeगुलज़ारपेंटिंग-2 पेंटिंग-2 विनय कुमार गुलज़ार 14/03/2012 No Comments जोरहट’ में एक दफ़ा दूर उफ़क के हलके-हलके कुहरे में ’हमीन बरुआ’ के चाय बाग़ान के पीछे चांद कुछ ऎसे दिखा था जैसे चीनी की चमकीली कैटल रखी हो! Tweet Pin It Related Posts चलो ना भटके रात भर सर्द हवा चलती रही आम About The Author विनय कुमार Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.