About The Author
नाम- ओमेन्द्र कुमार शुक्ल
पिता का नाम - श्री सुरेश चन्द्र शुक्ल
जन्म तिथि - १५/०७/१९८७
जन्मस्थान - जिला-भदोही ,उत्तर प्रदेश
वर्तमान पता - मुंबई,महाराष्ट्र
शिक्षा - इंटरमीडिएट तक की पढाई मैंने अपने गांव के ही इण्टर कॉलेज से पूर्ण किया,तदनुसार मै इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की पढाई खत्म करने के बाद मै नौकरी के सिलसिले में मुंबई आया तथा पुणे के सिम्बायोसिस कॉलेज से पत्राचार के माध्यम से म.बी.ए. की शिक्षा प्राप्त की .
साहित्यिक परिचय - वर्तमान में मै एक इ-कॉमर्स कंपनी में एक शाखा प्रबंधक के तौर पर काम कर रहा हु तथा साहित्य के प्रति गहरी रूचि होने के कारण अपने व्यस्त जीवन से कुछ क्षण निकाल पाना मुझे मेरी साहित्य की सेवा के प्रति और भी उत्साहित करती है |समाज में फैली कुप्रथाओं ,नागरिक कर्तव्यों की अनदेखी ,तथा देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करना तथा उसके खिलाफ आवाज बुलंद करना मेरी कविताओं की प्राथमिकता होती है |अपनी कविताओं के माध्यम से मै देश सेवा की ओर लोगो को प्रोत्साहित करने की कोशिश करता हु ताकि हम प्रत्येक भारतवासी एक श्रेष्ठ नागरिक का कर्त्तव्य निभाते हुए अपने देश को फिर से जगतगुरु का सम्मान दिलाये | आप मुझ से फेसबुक पे जुड़ने के लिए [email protected] पे request भेज सकते है |
ओमेंद्र जातिगत आरक्षण हमारे यहाँ के विघटित समाज का दोहन करने का नेताओं द्वारा पैदा किया गया वो अस्त्र है जिससे किसी ना किसी का विनाश सुनिश्चित है व् अब इस वयवस्था में इससे बचने का कोई उपाय नहीं.
हुजूर थोड़ा सा नजरिये में बदलाव कीजिये, काबिलियत की बात तो तब आती है जब आप सबको सामान क्षिक्षा दें. आजादी के बाद से हमारे देश की राजनीति ने ऐसा होने नहीं दिया. आज भी आरक्षण का लाभ वास्तविक लोगों को कहाँ मिल रहा है, हाँ इसका आधार अवश्य आर्थिक होना चाहिए या फिर आरक्षण के स्थान पर युवाओं को रोजगार की गारंटी की मांग करनी चाहिए.
ओमेंद्र जी यथिचित मुद्दा ज्वलंत है ………वरन वास्तविकता इसके उलट है ……….क्या कभी किसी ने इस पर विचार किया की आरक्षण को लाने का मूल उद्देश्य क्या था ……..और उस उद्देश्य को पूर्ण करने में हम कहाँ तक सफल हुए है या शाट प्रतिशत असफल है !! आरक्षण के प्रत्येक प्रश्न का जबाब इसी में निहित है !!
प्रतिक्रिया के लिए आप सभी मित्रो का हार्दिक आभार व्यक्त करता हु .जहाँ तक मैं समझता हु आरक्षण जाती विशेष आधारित न होके आर्थिक आधार पे होनी चाहिए .परन्तु हमारे देश के राजनेता लोग इस पर गन्दी राजनीती करके देश के विकास के मार्ग को अवरुद्ध कर रहे है ,जिसकी वजह से हमारे देश से प्रतिभाओं का पलायन हो रहा है ..
शुक्ला जी आपका ततो नाम ही जन्मजात आरक्षण लिए हुए दर्शाता है , धार्मिक नाम पर मनुस्मृति और पाखण्ड इतिहास है, टेलेंट की बात आपसे सोभा नहीं देती….