पहले अच्छे इंसान बनो फिर हिन्दू या मुसलमान बनो ..
धर्म के नाम पर इंसानियत छोड़कर शैतान न बनो …
इंसानियत सीखता है हर धर्म अपने धर्म को मानने वाले तो बनो ….
न होंगे फसाद दुनिया में कभी तुम प्यार करने वाले तो बनो ……
[Ashfaque khopekar]
writer / director of hindi marathi films member of f.w.a,m.c.a.i and i.f.t.d.a, chairman of dadasaheb phalke film foundation mumbai ,india.managing director of afreen channels [p].ltd, proprietor of afreen music.
6 Comments
Shishir "Madhukar"17/06/2016
अच्छी व् परिपक्व सोच. आप मेरे द्वारा पूर्व में प्रकाशित रचना “हिन्दू मुस्लिम” भी अवश्य पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया भेंजे.
अच्छी व् परिपक्व सोच. आप मेरे द्वारा पूर्व में प्रकाशित रचना “हिन्दू मुस्लिम” भी अवश्य पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया भेंजे.
मानवतावादी सोच पर आधारित आपकी यह रचना काबिले तारीफ़ है।
सुन्दर रचना …………..
आप सही कहते हैं….अगर इंसान रहे तो सबसे अच्छा है……धर्म कोई भी हो…अपने धर्म का सही अर्थों में पालन करें तो इस से बढ़िया क्या है…..बहुत ही सुन्दर भाव…
bahut khub sir …………..
सकारात्मक सोच को दिशा प्रदान करती सुन्दर भावनात्मक रचना !!