मेरी नयी कविता —आज रात मैं क्या लिखूं
आज रात मैं क्या लिखूं
अपनी मन की अधूरी बात लिखू
या सोये जज्बात लिखू
आधे अधूरे सवाल लिखू
या अधुरा जवाब लिखू
अपनी जीती बाजी की बात लिखू
या हारी हार की कहानी लिखूं
खुदा से पायी नेमते लिखू
या अपने दुखो की फ़रियाद लिखूं
संगदिल दोस्तों के संग बिताई वो बात लिखूं
या उनकी कारस्तानियों वाली काली रात लिखूं
अपनी चाहत का किताब लिखूं
या अपने जख्मो का हिसाब लिखूं
आज रात मैं क्या लिखूं
आप ने बहुत कुछ लिख डाला।
बहुत अच्छा…..
अभी पूछ रहे क्या लिखूं…..बहुत खूब लिखा भाई……
जीवन का खाका खींच दिया आपने
पूछते पूछते सारा राज लिख डाला आपने…….!