‘ माँ ‘ तुझे समर्पित…
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भले तू नहीं माँ ,ये तेरी कहानी,
वो सोने के रंग की ,तु परियों की रानी|
वो ममता के आँचल का, फटता सा कोना,
वो जलते से गलते ,बिछौनों में सोना।
वो खुशबू लुटाती, लगे घी की रोटी,
उमर बढ़ चली हर , हुई बात छोटी।
न छोटी हुई तू ,ना तेरी निशानी।
भले तू नहीं माँ ,ये तेरी कहानी।
वो सोने के रंग की, तु परियों की रानी।
वो ममता की चोटी, वो टीका वो काजल,
दो नयनो के नभ् से ,बरसते वो बादल।
वो थपकी की थापें ,वो माथे का चुम्बन,
उनींदे महल में वो ,लोरी की गुंजन।
तू ममता की गागर में ,चन्दन का पानी।
भले तू नहीं माँ ये तेरी कहानी,
वो सोने के रंग की, तु परियों की रानी।
तेरा श्याम रूठे, यशोदा मनाती,
ये जीवन जो रौशन ,जली तू ही बाती।
अनेको सितारे भले नभ् में चमके,
तेरी चांदनी स्निग्ध, शीतल सीे दमके।
ये हर साँस तेरी, तेरी ज़िन्दगानी,
भले तू नहीं माँ, ये तेरी कहानी,
वो सोने के रंग की ,तु परियों की रानी।
अगर फिर जनम हो ,अगर हो ये फेरा,
बने तू यशोदा ,मैं कान्हा हो तेरा|
तू दर्पण बने मैं ,छवि बन रिझाऊँ,
अनेको जनम ,नेह तेरा ही पाऊँ।
तेरी नव्य काया ,तू मूरत पुरानी,
भले तू नहीं माँ ,ये तेरी कहानी,
वो सोने के रंग की ,तु परियों की रानी।
-‘अरुण’
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बेहतरीन रचना ………………..
बहुत बहुत धन्यवाद सर
बेहतरीन………माँ के लिए बोला गया हर शब्द अपर्यापत है……आपने अपने श्रद्धा सुमन बहुत प्यारी भावनाओं से सजाएं है…..हर माँ को नमन….आपके भावों को नमन….मेरी माँ भी इस दुनिया में नहीं है…मैंने भी अपनी माँ को वो आखिरी पल और जय जननी जय माँ समर्पित की…..आपने अपने भावों को बहुत ही प्यार और सम्मान से पिरोया है….जय हो…..
आपको धन्यवाद सर
मैं अपनी माँ को हर क्षण खोता रहा हूँ
रत्ती रत्ती
हाँ आपकी रचना मैं साथ साथ गुनगुना रहा था तो अनायास मुझे एक गीत याद आ गया जो क्राई फॉर क्राई आदरणीय जगजीत सिंह जी का क्राई के लिए चैरिटी एल्बम है उसमें उन्होंने एक लीज़ा नाम की बच्ची से गीत गवाया है “माँ सुनाओ मुझे वो कहानी…जिसमें राजा न हो न हो रानी”….पता नहीं मैं उसी धुन में इसको गया रहा था…
मेरा सौभाग्य
आप सब से जुड़ सका
धन्यवाद
ज़बरदस्त ………………………. लाजवाब ………………. अरुण जी क्या लिखा है आपने, बहुत बहुत बधाई !!
आपका बहुत बहुत आभार सर
बस भाव बहे
पता ही न चला
दर असल ये मैंने पहले लिखा था ड्राफ्ट में थी कल पोस्ट की है।
heart touching every word……………………….congrats brother
धन्यवाद!
मेरे शब्दों को महसूस कर अपनी प्रतिक्रिया देकर आपने मुझे बल दिया है।
बहुत ही सुंदर भाव भरी रचना ***********
धन्यवाद काजल जी
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माँ कि स्मृति मे प्रस्तुत खुबसुरत शब्दांजलि ….बहुत बेहतरीन ।।