सुबह सवेरे वो आती है
मुझको रोज जगाती है
सुर में जब वो गाती है
मुझको बहुत लुभाती है
अजब गजब उसकी भाषा
अजब गज़ब उसकी बोली है
दिखने में लगती बड़ी चंचल
पर आदत से वो बड़ी भोली है ।।
बाहे फैलाकर मुझे बुलाती है
और गीत ख़ुशी के गाती है
सुनकर उसकी मधुर पुकार
दिल की गिरह खुल जाती है ।।
रास रसीली, कोमल गात
मुरझा जाये वो लगते हाथ
इशारो में होती अपनी बात
खूब भाता हमे दूजे का साथ ।।
उसके आनी से आँगन चहके
घर का कोना। कोना महके
तन मन मंगलमय हो जाता
संग में उसके कुछ पल रहके ।।
नीरस ह्रदय की वो उमंग है
मेरे जीवन में भरती रंग है
जिंदगी की एक कड़ी बनके
सदा चलती वो मेरे संग है ।।
तुम कहते हो तो नाम बता दूँ
उसके रहने का स्थान बता दूँ
न समझो उसे कोई पहेली
सबसे उसका परिचय करा दूँ ।।
नन्ही सी वो बड़ी प्यारी सी है
सुनहरे रंग की चिड़िया उसका नाम !!
नित्य भोर में मिलने आती है
दे जाती है मुझे निश दिन जीने का आयाम !!
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डी. के. निवातियाँ [email protected]
बेहद सुन्दर रचना…निवातियाँ जी …………..
बहुत बहुत धन्यवाद अभिषेक .आपका ……………..!!
वाह……हर शब्द में आनंद का रस….रोम रोम प्रफुल्लित हो उठा ….शब्दों में बयां से पर है मेरे लिए…..बेहतरीन…..लाजवाब…..नायाब…..अप्रतिम….
तहदिल दे शुक्रिया आपका …………..!!
खूबसूरत बाल रचना ….
धन्यवाद शिशिर जी ………….!!
सर सही कहू काम करके थक गया था जब आप की कविता पढ़ी तो मानो सारी थकान ही दूर हो गयी बहुत ही अच्छी रचना लिखी है आपने l
राजीव जी आप लोगों की ऊर्जावान प्रतिक्रिया ही हमे लिखने की प्रेरणा देती है …………….तहदिल से शुक्रिया एंव आभार आपका !!
सुन्दर रचना ..निवातियाँ जी
बहुत बहुत धन्यवाद ओमेंद्र जी ………!!
हाँ इंसान को अब सच्चे प्रेम के लिए पशु-पक्षियों का ही सहारा है. बहुत अच्छी रचना है.
आपकी मूलयवान प्रतिक्रिया का तहदिल से स्वागत एव आभार विजय जी !!
पशु पक्षी तो चिरकाल से ही प्रेम के पात्र रहे है, …………ज्ञातव्य है की प्रत्येक देवतुल्य ने भी इनको अपना सहभागी बनाया है !!
apne mera bachapn yaad karwa diya thanks nivatiya ji
Thanks Mani……………!!
बहुत ही सुन्दर लयबद, लुभावनी रचना जो बार बार पढ़ने को मजबूर करती है …………………… लाजवाब निवातियाँ जी !!
सुंदर, मनभावन, लुभावनी प्रतिक्रिया के लिए अनेको धन्यवाद सर्वजीत जी ….
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लाजवाब रचना…………
आपका बहुत बहुत धन्यवाद योगेश…………!!
चहक …गुंजन…..मिठास….का एहसास कराती एक उम्दा रचना। निवातियाँ जी को धन्यवाद कि उन्होंने ऐसी रचनाओं पर हम सब का ध्यान खींचा।
जीवन में मधुरता और सौंदर्य की पूरक रचना…..
आपकी मनभावन, लुभावन प्रतिक्रिया के लिए ढेरों धन्यवाद ………अरुण जी !!