यकीन कर हकीकत हु में , फरेब तो नजरों का हैं
दर्द क्या हैं तेरा ,आ पास दिखाऊ तुझे
गुम हो गयी इस भीड़ मे, अपना कोने हैं दिखाऊ तुझे
नम हो तेरी ऑखे ,तो रो जाऊ मे
अगर हंस के बोलो ,तो ठहर जाऊ मे
कुछ ना छिपा मुझ से, एक पल में पढ़ जाऊ तुझे
मुद्दतों से खडा हु वही, अगर वफा करो तो मिल जाऊ तुझे
-अभि शर्मा
Nice writing……………………….
thanks a lot sir
बहुत खूब …..!!
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बहुत खूब…………..!