Homeकमल जोशीनटखट चिड़िया नटखट चिड़िया K K JOSHI कमल जोशी 09/06/2016 2 Comments एक नटखट चिड़िया मेरे आंगन आती बीज बिखरे फसलों के कुछ थोड़े चुगते चुगते गीत मधुर वह गाती। एक नटखट चिड़िया मेरे आंगन आती सूरज की किरणों संग सुरों की लगती बोली हर सुबह मुझे जगाती खिल उठता तन मन जब वह चहचहाती एक नटखट चिड़िया मेरे आंगन आती॥ Tweet Pin It Related Posts अधूरे किस्से प्रायश्चित वह चांद जैसी लड़की About The Author K K JOSHI 2 Comments निवातियाँ डी. के. 09/06/2016 बहुत खूबसूरत ………. Reply babucm 10/06/2016 बहुत बढ़िया…… Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
बहुत खूबसूरत ……….
बहुत बढ़िया……