Homeविजय कुमार सिंहशहर रूठ गया शहर रूठ गया विजय कुमार सिंह विजय कुमार सिंह 08/06/2016 6 Comments सफर पर निकले तो शहर रूठ गया, उसने कहा कि मेरा तो दिल टूट गया, अपनी मर्जी से हमेशा तुम आते-जाते, मेरी मर्जी का तुम्हें ख्याल ही छूट गया । विजय कुमार सिंह Tweet Pin It Related Posts जीने की राह ट्रम्प का शपथ शुभ दीपावली About The Author विजय कुमार सिंह दिल के भावों को लेखनी का सहारा है, समाज को बेहतर बनाना कर्तव्य हमारा है. आइये आपका स्वागत है हमारे लेखन के दरबार में, पलकें बिछाए बैठे हैं हम आपके इंतज़ार में. EMAIL : [email protected] https://vijaykumarsinghblog.wordpress.com पटना, बिहार 6 Comments Shishir "Madhukar" 08/06/2016 Nice write………………… Reply विजय कुमार सिंह 12/06/2016 बहुत-बहुत धन्यवाद …………… Reply योगेश कुमार 'पवित्रम' 09/06/2016 very nice………………………… Reply विजय कुमार सिंह 12/06/2016 बहुत-बहुत धन्यवाद पसंद करने के लिए…………… कृपया “मुझे मत मारो (बेटी)” एक बार अवश्य पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने का आग्रह करें । Reply babucm 09/06/2016 बहुत खूब………….. Reply विजय कुमार सिंह 12/06/2016 पसंद करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद …………… Reply Leave a Reply to विजय कुमार सिंह Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Nice write…………………
बहुत-बहुत धन्यवाद ……………
very nice…………………………
बहुत-बहुत धन्यवाद पसंद करने के लिए…………… कृपया “मुझे मत मारो (बेटी)” एक बार अवश्य पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने का आग्रह करें ।
बहुत खूब…………..
पसंद करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ……………