शहर में जिंदगी रोशन थी महके ख्वाब लिए
बेफिक्र हम भी चल रहे थे ये आफ़ताब लिए
एक तूफान उठा उसने सभी कुछ तोड़ दिया
हर खुशी छीन रुख ठंडी हवा का मोड़ दिया
हमें उम्मीद है बिगड़े हालात फ़िर से बदलेंगे
जवां दिलों में नई हसरतों के सुर भी मचलेँगे
इसी का नाम तो एक बदलती ज़िन्दगानी है
कितनी सदियों से चलती आई ये कहानी है
शिशिर मधुकर
इसी का नाम जिंदगानी है …………बहुत अच्छे शिशिर जी !!
धन्यवाद निवतिया जी………
सदियों से चलती आई ये कहानी है…………… बहुत अच्छे sir.
आभार विजय………
bahut khub sir,,,,,,
धन्यवाद मनिँदेर……..
हर पल बदलती कश्मकास और नश्वरता ही जीवन की एक मात्र कटु सच्चाई है……….मधुकर जी खुबसूरत शब्द संयोजन के साथ इतनी अच्छी रचना के लिए आपको साधुवाद…..! बहुत खूब…..!
धन्यवाद सुरेंद्र…………………….
बहुत सही कहते हैं आप…ज़िन्दगी हर पल बदलती है…किसी की कुछ जादा ही बदल जाती है….
Thanks Babbu ji for your observations …..