मुद्दों की जहा तक बात आती है
समझौता हो सकता है
हम,
समझौता कर भी सकते हैं।
चाहे,
माँ की बात हो
बेटो की बात हो
या फ़िर संगिनी की
समझौता हो सकता है,
पर
माँ अगर धरती माँ हो
बेटे बेकरार हो शहीद होने को माँ पर
और
संगिनी अगर मेरी स्वतंत्र विचारधारा हो
तो
कोई समझौता नही……..
—निर्मल कुमार पाण्डेय
सुंदर सोच………………….
सुन्दर…………………