मुझे भी चाहिए गुड़िया , ये घडी और चॉक्लेट बढ़िया
सुन्दर सा महल , मखमली सा बिस्तर और नया जूता
मुझे भी चाहिए गुड़िया ……………………………..
कोई नरमी नहीं मेरे हाथो के छालों मे
बड़ी गर्मी है अक्सर, मेरे इन दिन के उजालो मे
मेरी मम्मी भी सुबह उठ कर , मुझे भर पेट खिलाएगी
मेरी बहना भी मुझ संग स्कूल जाएगी ……………..
मुझे भी चाहिए गुड़िया …………………
नहीं रहा जाता मुझसे अब इस सड़क के मुहाने पर
कभी धक्का , कभी गाली , हर इंसान के दे जाने पर
मुझे भी चाहिए , बिस्कुट, समोसा ,पकोड़ा चाय के संग
मुझे भी चाहिए गुड़िया …………………
मेरी भी ख्वाहिशो , चहहत की लिस्ट लम्बी हो
मेरे भी फ्रॉक हो सुन्दर , जिस पर लगी किनारी हो
मरे हाथो मे सुन्दर सी ,जादू की एक डंडी हो ..
मरे भी कदमो तले ,घूमती ये दुनिया बेचारी हो
मुझे भी चाहिए गुड़िया……………..
मेरे भगवन , मेरी गलती मुझको भी बताओ न
मे क्यों हूँ इस रस्ते पर , मुझे तुम समझाओ न
मेरे घर मेँ न है रोटी , न कपडा बताओ क्यों
मेरा घर ही नहीं , तेरी पूरी दुनिया के किसी कोने मे
मुझे भी चाहिए गुड़िया ……………………….
वाह बहुत खूब……….!
धन्यवाद
कृपया मेरी माँ का दिल कविता भी पढ़े ,