मेरे घर से गृहयुद्ध की बूँ आ रही है
दिन प्रतिदिन मर्ज बढती जा रही है
रात में कार्यमुक्त हो घरवाले एक साथ
टीवी देखने आ जाते है
एक ही टीवी पर अपनी-अपनी
पसंद का चैनल लगवाते है
दादी मम्मी धार्मिक चैनल देखें
पत्नी सास बहू का सीरियल चाहे
बाबू जी के समाचार के चक्कर में
मेरा क्रिकेट की सेंचुरी छुटता जाये
कोई किसी के पसंद को वाहियात
बताता है
कोई समय की बर्बादी कहकर
दुसरे का मजाक उडाता है।
आग उपजाऊ और भड़काऊँ बयानों से
स्थिति विस्फोटक हो रही है
फौरी तौर पर इसका खामियाजा
रिमोट कण्ट्रोल अकेले ढों रही है
टीवी पर प्रसारित फिल्मे व् सीरियल
घर वालों पर अपना रंग दिखा रहा है
बिटियाँ भी रियलिटी शो के लिए
रात दिन एक किये हुए है
बेटा भी फिल्मों में जाने के सपने
आँखों में लिए हुए है।
एक दिन घर में मेहमान आये
प्यार से बिटिया को बुलाये
बोले-
पापा कहते है तू अच्छा नाचती है
नाच कर थोड़ा हमे भी हुनर दिखाओ
शोले फिल्म देख रहा बेटा बोला
बसंती कुत्ते के सामने मत नाचना
मै अचंभित जडवत उसको देखा
फिर सोचा, आज इसे समझाऊंगा
समझाने गया तो बिफर बोला
अपना काम देख वर्ना
कुत्ते तेरा खून पी जाऊंगा
मै भी तैश में आकर बोल पड़ा
ये ढाई किलो का हाथ जिस
पर पड़ता है
वह उठता नहीं, उठ जाता है
दूर खड़े दादा जी मुझको डांटे
बोले बेटा तू किसको समझाता है
ये बच्चे कच्चे घड़े, संस्कार कहा से लाये
तुमलोगों के पास समय नहीं कि
इनको अच्छी बात बताये
फिर ये बेचारे मुक्कदर के मारे
जब सब कुछ टीवी से ही सिखेयेंगे
अभी तो कुछ गनीमत समझों
बाद में यह सब पीटेंगे।।
संभल जाओ आप सभी, भागम भाग और
टीवी की दुनिया से बाहर आओ
अधिक न सही कुछ पल ही
इन मासूमों के साथ बिताओं
संस्कारों के बीज डाल कर
अच्छे बुरे की ज्ञान कराओ
बना गुणवान संस्कारी अपने बच्चों को
गर्व से अच्छे माँ बाप कहालाओं
!
!
✍सुरेन्द्र नाथ सिंह “कुशक्षत्रप”✍
व्यंग के माध्यम से सच्चाई को दिखती एक और सुंदर रचना मुबारक हो सुरेन्द्र ji
राजीव गुप्ता जी, आपके प्यार भरे तारीफ के लिए शुक्रिया….!
aaj ke dor ki yahi sachai hai ………bahut badiya
मनिंदर जी, सच कह रहे है आप…..! रचना पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए……आभार!
बेहतरीन प्रेरक रचना सुरेंद्र. आपका व्यंग बहुत सरल और उम्दा होता है.
शिशिर जी, प्यार भरे आशीर्वाद के लिए आपका धन्यवाद…..!
टी वी सीरियल और फिल्मों का नयी पीढ़ी पर असर कुछ इसी तरह से होता है, वो गलत बातों को अपना लेते हैं और अच्छी सीख छोड़ देते हैं …………………….. बहुत ही बढ़िया सुरेन्द्र जी !!
आपकी प्रतिक्रिया के लिए सर्वजीत जी, धन्यवाद!
हर घर की एकलौती टीवी का यही हाल है, रिमोट बेहाल है, सबक अपना अपना सवाल है. अच्छा हास्य और व्यंग. विलम्ब से पढ़ने के लिए छमा.