वो चला गया जो मेरा था , जिसके वचनो का रंग सुनहरा था
मेरे रूप रंग की झलकी पर , जिन आँखों का पहरा था …..
मेरे दुनिया में आने पर , जिसको मुस्काते पाया था
मेरे नन्हे कदमो का , जिसने जशन मनाया था …
वो चला गया जो मेरा था ………..
पापा पापा कह जब में , उनको आवाज लगाती थी
अपनी तमनओ की , जब लम्बी लिस्ट सुनाती थी
कभी गुड़िया , कभी गाडी , कभी टॉफ़ी ये चॉक्लेट भारी
ले आते थे वो सब , जो मैं उन से कहती जाती थी ……
वो चला गया जो मेरा था ……………..
मेरी आँखों के आंसू, जिन्हे बिलकुल ना भाते थे
वो मेरे पापा थे ,जो गमो में भी मुस्कुराते थे …
मैं जिस पल खुद की हार का शोक मनाती थी
वो पापा थे , जो मुझको जिंदगी जितना सीखते थे
वो चला गया जो मेरा था …………….
मेरी गुड़िया , मेरी चिड़िया , मेरी नन्ही सी परी
और ऐसे ही कई नामो की लगा देते थे झड़ी ……
कभी मेरी, चाहत जो रह जाती थी कंही
मेरे पापा ले आते थे वो सारी बांध कर सभी
वो चला गया जो मेरा था ………………….
ओ पापा , मेरे पास लौट आओ ना …
ओ पापा , मुझे भी साथ ले जाओ ना
नहीं चाहिए मुझे , ये पैसे , ये गुड़िया , ये महंगी घडी
मुझे रहना है तेरे आशियाने में ,
तेरी पलकों , तेरी आँखों के इस शामियाने में…
वो चला गया जो मेरा था ………………………
वआह….सच में आप पापा की गुड़िया हो प्यारी सी…बहुत बहुत प्यारे भाव आपके….भावविभोर कर दिया….आपको अपने पापा का यहाँ भी हैं बहुत बहुत आशीर्वाद…प्यार मिले…जय हो….
thanks , ye sabh woh sabh hai jo mein papa ko kehna chati thi magan nahi keh paayi how much i love him ….aur abh woh iss duniya mein nahi magar unki yaad iss dil ko chir kar har baar nikal jaati hai …..i miss him alot and want to become like him ….strong and fighter
पिता को समर्पित बेहतरीन रचना……………
तमनाजी…आप के साथ आपके पापा हमेशा रहेंगे….आपके दिल में…आपकी रूह में…आप उनकी इतनी प्यारी बेटी हो…वो आप से दूर थोड़ी रह सकते…वो हमेशा आप में ज़िंदा हैं…इस लिए आप ये कभी मत समझो की आप के पास नहीं वो….आप उन जैसी ही बनोगी….दिल से दुआ है मेरी…आप की इच्छा पूर्ण हो….आप की जय हो….
thanks for moral support
बेहतरीन रचना तम्मना जी आपके पापा जहा भी होंगे खुश होंगे ऐसी बेटी पाकर जिसकी कलम मे वो जादू है जिससे भावनाओ को शब्दो मे पिरोकर दूसरो के आगे व्यक्त कर सकेl
बहुत खूब! आंसू आ गए……..तमन्ना जी आपको साधुवाद!