Homeसी. एम. शर्मादिल की गागर…. दिल की गागर…. C.M. Sharma सी. एम. शर्मा 26/05/2016 11 Comments रोज़ ठोकरें खाता हूँ मैं…. दर्द भी रोज़ ही पीता हूँ मैं…. दिल की गागर मेरी फिर भी… भरती है न छलकती है…. \ /सी.एम. शर्मा (बब्बू) Tweet Pin It Related Posts पायल….सी.एम्.शर्मा (बब्बू)… एक नए सृजन के लिए……सी. एम. शर्मा (बब्बू) … मन चल तू अब अंत की ओर… About The Author CMS Not much to write about myself. just pen down what comes in mind. 11 Comments Shishir "Madhukar" 26/05/2016 तड़प चीज़ ही ऐसी है जो कभी संतुष्ट नहीं होती. बहुत खूब Reply babucm 26/05/2016 सही कहते हैं आप….. Reply babucm 26/05/2016 सही कहते हैं आप…..आभार आप का…. Reply प्रियंका 'अलका' 26/05/2016 Very nice…….. Reply babucm 26/05/2016 शुक्रिया….बहुत बहुत…. Reply mani 26/05/2016 बहुत खूब सी एम शर्मा जी Reply babucm 26/05/2016 thanks…maniji…. Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 26/05/2016 कब किसका दिल भरा है इस तिलिस्मी दुनियाँ में………बहुत खूब…….! Reply babucm 26/05/2016 bahut bahut shukriya…janaab…. Reply निवातियाँ डी. के. 26/05/2016 बस इतना कहूंगा बब्बू जी …… दिल की गागर भरे नहीं, सैदव ज्यादा की अभिलाषा में छलकने न दे एक बूँद भी, संत ज्ञान की व्यर्थ अपनी भाषा में !! Reply babucm 27/05/2016 सोफीसदी सत्य आपके वचन….आपका मार्गदर्शन अनुकरणीय ही नहीं अपितु ऐसा आदेश है जिसको मानने में हमारा सिर्फ भला है…रोम रोम से आभार आपका….. Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
तड़प चीज़ ही ऐसी है जो कभी संतुष्ट नहीं होती. बहुत खूब
सही कहते हैं आप…..
सही कहते हैं आप…..आभार आप का….
Very nice……..
शुक्रिया….बहुत बहुत….
बहुत खूब सी एम शर्मा जी
thanks…maniji….
कब किसका दिल भरा है इस तिलिस्मी दुनियाँ में………बहुत खूब…….!
bahut bahut shukriya…janaab….
बस इतना कहूंगा बब्बू जी ……
दिल की गागर भरे नहीं,
सैदव ज्यादा की अभिलाषा में
छलकने न दे एक बूँद भी,
संत ज्ञान की व्यर्थ अपनी भाषा में !!
सोफीसदी सत्य आपके वचन….आपका मार्गदर्शन अनुकरणीय ही नहीं अपितु ऐसा आदेश है जिसको मानने में हमारा सिर्फ भला है…रोम रोम से आभार आपका…..