साथ मेरे साथिया तुम ऐसे ही चलते जाना,
हाथ पकड़ लो मेरा, कहीं राहों में बिछड़ ना जाना |
मुकदर किस मोड़ पर करवट बदल ले,
डरता है दिल, किसी और फूल पे मोहित ना हो जाना |
कितने ख्वाब, कितने अहसास संजोए है मैंने,
हो जाये मुझसे गर कोई खता, तो रूठ ना जाना |
काँटों की चुभन मुझे है मंजूर,
मेरी खुशियों के लिए किसी के चाँद तारे तोड़ मत लाना |
हर हाल में खुश हु तेरे संग, ऐ हबीब मेरे
हर शब आगोश में मुझे ले, प्यार भरा कोई गीत सुनाना |
साथ मेरे साथिया तुम ऐसे ही चलते जाना,
बहुत खूबसुरत…….निश्छल प्रेम की याचना की अच्छी मिसाल !
धन्यवाद निवातियाँ जी बहुत बहुत आपका
प्रेम भावना से ओतप्रोत भावात्मक रचना मनिंदर जी……!
धन्यवाद बहुत बहुत सुरेन्द्र जी
Nice love filled write……
धन्यवाद शिशिर जी