आओ चमन की बात करें….
खुशियां उगाने की बात करें…
क्या रखा है रोने राने में…
हंसने हंसाने की बात करें…
बचपन को फिर से जीने की बात करें…
नानी की कहानिओं को याद करें…
रोज़ आती हैं परियां अब भी….
हो पंखों पे सवार उड़ने की बात करें…
कमियां मुझमें बहुत हैं तो खाली तू भी कहाँ है उनसे…
फिर क्यूँ लांछन एक दुसरे पे लगा..चमन की खुशबू मिटायें…
क्यूँ ना भीतर झाँक पहले अपनी पहचान पाएं…
दिल से दिल मिलाएं…एक दुसरे के हो जाएँ…
बारिश हो या तूफ़ान…रुकते नहीं ये सूरज चाँद…
हम ही क्यूँ फिर थम जाएँ…मुश्किल जब कभी पड़ जाए…
पकड़ हाथ एक दुसरे का चन्दर..खुद चलें औरों को भी चलाएं…
यूं ज़िन्दगी को बनाएं…अपना चमन है आओ मिल सब महकाएं….
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/सी.एम. शर्मा (बब्बू)
कुछ दिन पहले कुछ ऐसा हुआ यहाँ तो मैंने ये लिखा है…इसमें किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं लिखा गया है…हाँ नामों को मैंने बिना इजाज़त लिए प्रयोग किया…उसकी माफ़ी मांगता हूँ…मकसद प्रयोग करने के पीछे इतना था की बचपन में हम इतने प्यार से रहते थे सब की एक दुसरे के घर से चुरा के या उठा के कुछ भी खा लेते थे…वो प्रेम भावना का प्रतीक था सब…उसी को मैंने इस प्रकार प्रयोग किया…गलत मेरा प्रयोग हो सकता…शब्द गलत हो सकते…भावना नहीं….किसी को बुरा लगे तो मेहरबानी करके साफ़ बोलियेगा…मैं डिलीट कर दूंगा….आभार आप सब का…
वाह क्या बात सी एम शर्मा जी आज का इंसा परेशानियों में इतना ज्यादा उलझ गया है खुद से बात करने का वक्त नहीं रहा | साडी चिंताओं को छोड़ हसना भी चाहिए
बहुत बहुत आभार आपका मनी जी….
मुझे बुरा नहीं लगा भाई अपितु गर्व हुवा की कितने कम दिन में बिना सशरीर मिले हम एक परिवारीजन हो गए। इस रचना और अपना समझने के लिए साधुवाद और शुभकामना….
आप का ह्रदय आपकी रचना की तरह विशाल है…..शुक्रिया…तहदिल से आपकी शुभकामनाओं का……..
बब्बू जी आपके प्रेम और रचना दोनों को सलाम ………….
आपके प्यार और स्नेह ने मुझे अभिभूत कर दिया…मेरे पास शब्द नहीं आपने जो प्यार बरसाया है….मेरी भगवान् से प्रार्थना है….वो आपको हमेशा अपना प्यार दे….
अरे वाह मुझे तो बड़ा अच्छा लगा ।डॉक्टर की सिरप किसी के तो काम आई । क्या बात है आप तो एकदम छा गये । 1 नंबर
छा गए…वाह…आपके प्रोत्साहन का ह्रदय के हर 1 कोने से आभार….आपकी रचना ही इतनी लाजवाब जिसको पढ़ के डाक्टर की तो जल्दी ज़रुरत नहीं….बहुत बहुत आभार आपका….
ये रचना जल्दी में डाली नेट की प्रॉब्लम थी मेरे यहाँ…एक पैराग्राफ मिस हो गया…जिसको अभी जोड़ा है..
बब्बू जी आपकी ह्रदय विशालता एवं सृजनात्मकता को कोटि कोटि नमन …..।
मुझे और अधिक प्रसन्नता होती यदि आप हम सब के प्रति और अधिक व्यंगात्मक हास्य शैली का प्रयोग करते……यक़ीनन हम सब सकारात्मक विचार धारा में विश्वास रखते है ऐसा मेरा मत है !
आपके निश्छल प्रेम का ह्रदय से आभार ।
व्यंग करना मेरी मंशा नहीं थी….और मैं आप जैसे सब गुणीजन पे व्यंग करने का चाहे वो हास्य से जुड़ा क्यूँ ना हो…सोच नहीं सकता…आपकी विशालता…आप की हरेक रचना में प्रमाणित है…आप का तहेदिल से आभार….