इस कदर तो बदनाम न कर हमें,
दोस्त ही रखले अब बना कर हमें,
तेरी महफ़िल में आयें हैं रुशवा ना कर,
एक एहसान कर दे के शिकवा ना कर,
तू लबो पे हंसी रख के कहदे ज़रा,
जानती हूँ इन्हें कहीं है देखा हुआ,
बिन कहे कुछ चला जाऊंगा मैं युहीं,
बस तुझे देख लूँ आँख भर के युहीं,
मेरी राते यूँ बातो में कटती थी जब,
उँगलियाँ उँगलियों में यूँ फसती जब,
तेरी पलकों पे आँशु ज़रा देख के,
हर खुसी वार देता था मैं शौख से,
तेरी शर्मो हया , मेरी जाने वफ़ा,
मानजाना कभी, होना तेरा ख़फा,
तेरे होंठों पे बसती थी मुस्कान जो,
मेरी सच्ची मोहब्ब्त की पहचान वो,
वो तेरी जिद तेरा गुस्सा होना कभी,
फिर वो बांहों में भरकर मनाना कभी,
कैसे भूलूं तुझे अब तुही दे बता,
बात तेरी ही है तू ही दे मशवरा,
कुछ तरीका बता भूल जाऊं तुझे,
जिस तरह भूल बैठी है कूछ तू मुझे,
नाम तेरा जुबां पे जो आया युहीं,
ये जुबाँ पे कभी अब ना आये कहीं,
तू ये कहती है के भूल जाओ हमें,
खुश हैं हम तो यहाँ ना सताओ हमें,
तूने देखी ख़ुशी बस तेरी बस तेरी,
गम की इक दास्ताँ ज़िन्दगी है मेरी,
अच्छा चलते हैं चल माफ़ तुझको किया,
अच्छा तूने सिला आज मुझको दिया,
ये दीवाना चला जाने अब किस डगर,
इस सफ़र में तेरी याद लेकर मगर,
थी ये सच्ची मोहब्बत ये दिखलायेगा,
हर दुआ में तेरा नाम ही आएगा।
Fantastically written emotions of love and separation….
Bahut sundar….