Homeसी. एम. शर्मातेरी आँखें…. तेरी आँखें…. C.M. Sharma सी. एम. शर्मा 23/05/2016 6 Comments निगेहबान हैं तेरी आँखें…. या है उसमें प्यार का वो नशा… भटकने भी न दें मुझको… बहकने भी न दें मुझको… \ /सी.एम. शर्मा (बब्बू) Tweet Pin It Related Posts अपनापन प्रतिमा-बुत्त…..सी.एम्. शर्मा (बब्बू)… आशा-4…सी. एम्. शर्मा (बब्बू)….. About The Author CMS Not much to write about myself. just pen down what comes in mind. 6 Comments सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 23/05/2016 क्या बात है सभी लोग आँखो की नशा में मदहोश….निगाहबां है ये आँखे या उनका नशा…अच्छे शब्दों से रचना की शोभा बढ़ गयी है…. Reply babucm 23/05/2016 हा हा हा …सही कहते हैं आप….बहुत बहुत आभार आपका……. Reply Shishir "Madhukar" 23/05/2016 अति सूंदर बब्बू जी Reply babucm 23/05/2016 बहुत बहुत आभार आप का….. Reply निवातियाँ डी. के. 23/05/2016 वाह क्या सम्भाले रख है नजरो के बंधन ने …………बहुत अच्छे !! Reply babucm 23/05/2016 सही कहा आपने…जब जिम्मा ही उन्होंने ले लिया हम तो बेफिक्र हो गए….बहुत बहुत आभार आपके स्नेह का…. Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
क्या बात है सभी लोग आँखो की नशा में मदहोश….निगाहबां है ये आँखे या उनका नशा…अच्छे शब्दों से रचना की शोभा बढ़ गयी है….
हा हा हा …सही कहते हैं आप….बहुत बहुत आभार आपका…….
अति सूंदर बब्बू जी
बहुत बहुत आभार आप का…..
वाह क्या सम्भाले रख है नजरो के बंधन ने …………बहुत अच्छे !!
सही कहा आपने…जब जिम्मा ही उन्होंने ले लिया हम तो बेफिक्र हो गए….बहुत बहुत आभार आपके स्नेह का….