We should follow the way of punya to get the true love and affection of God..
“पाप और पुण्य के चक्रव्यूह में, फंसा हुआ इंसान है।
सब कुछ जानते हुए भी, बना हुआ अनजान है।
पाप करने से मिलता नरक है,
और पुण्य से खुलता स्वर्ग का द्वार है।
फिर भी नासमझ बना हुआ इंसान है।
पाप के रास्ता बहुत ही आसान है।
जिसमे गलत तरीके अपनाकर,
व्यक्ति पाता भौतिक सुखों का मार्ग है।
अपनी खुशियां पाने के लिए,
दूसरों को देता कष्ट हजार है।
लेकिन अंत में उसको मिलता,नरक का वास है।
पाप और पुण्य के चक्रव्यूह में, फँसा हुआ इन्सान है।
सब कुछ जानते हुए भी, बना हुआ अनजान है।
पुण्य की राह में,काँटों का अम्बार है।
जिसको पार करने में, कष्ट आते हजार हैं।
लेकिन धर्म को अपनाकर व्यक्ति,
उन काँटो में भी बनाता, पुष्पो का मार्ग है।
और अंत में पाता, भगवान का प्यार है।
फिर खुलता उसके लिए,स्वर्ग का द्वार है।”
By:Dr Swati Gupta
एकदम सही बात कहाँ आपने mam…..खुबसूरत और उपदेशपरक रचना……
आपका बहुत बहुत आभार
Sir Thanks a lot
सही कहा आपने जानते हैं सब पर करते नहीं….यथार्थ सत्य….बहुत उत्तम…
Sir आपका बहुत बहुत आभार।
स्वाति जी ….सत्य का अवलोकन करती खूबसूरत रहकना !!
विडंबना यही है की यह वह ज्ञान है जिसको जानते सब है एक दुसरे को बाटते भी सभी है मगर ..कारन कोई भी हो स्वंय अपनाने से परहेज़ करते है !!
स्वाति जी आपसे अनुरोध है की अन्य कविजनो की रचनाओं पर भी अपने विचार प्रकट कर उन्हें प्रोत्साहित करे तो अच्छा होगा !!
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।sir…
Sure sir…I will try my best to give response on other’s too..