नशा
सूरत उनकी देख कर ………..
इक नशा सा छा जाता है
बरसों अब तो बीत गए ……….
मधुशाला में हमें गए हुए
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
नशा
सूरत उनकी देख कर ………..
इक नशा सा छा जाता है
बरसों अब तो बीत गए ……….
मधुशाला में हमें गए हुए
शायर : सर्वजीत सिंह
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फिर एक लाजबाब रचना…….जब नशा देखने मात्र से हो जाये तो भला कौन मधुशाला की ओर रुख करेगा…..!
उत्साह वरदक तारीफ के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सुरेन्द्र जी !!
बहुत अच्छे सर्वजीत जी, प्रत्युत्तर में बस इतना कहूंगा ……….
“किसी और नशे की जरुरत हमे न रही, जब से तेरी नजरो के जाम हम पीने लगे है !!
बहुत ही बढ़िया प्रत्युत्तर निवातियाॅ जी ……………. तारीफ के लिए तहे दिल से शुकरीया !!
Waah kya baat hai…behtareen….
mahfil.mein woh Jo peeche baithein hain unse ja ke kah do ham unn par marey baithein hain….unki aankhon mein nasha hi kuch aisa hai…warna iss mahfil mein or bhi haseen baithe hain….
वाह क्या बात है शर्मा जी …………. बहुत अच्छे !!
Beautiful write Sarvjeet………
Thank you very much for the appreciation Madhukar Jee.