लड़िया मिलन की तु जोड़ जा साँवरिया ,
तेरे इक -इक पहरे लगाऊ मै ।
मन के मित तु छोड़ न जा साँवरिया ,
तेरे नैनो के मोल लगाऊ मै ।
नजरो की नजर न लगे तुझे ,
फुलझडीया तुझ पर लुटाऊ मै ।
लड़िया मिलन की तु जोड़ जा साँवरिया,
तेरे इक इक पहरे लगाऊ मै । ।
गाये है जो गीत मिलन के ,
चाहत भरे वो नगमे दिल के ।
साँसो से बढती हुई सांसे ,
अक्सर कहती बुदबुदाती सी ,
धात दिल पर गहरे लगाऊ मै ।
लौट आयी महकी खुशिया ,
टुट कर बिखर जाऊ मै ।
आ अब लड़िया मिलन की तु जोड़ जा सांवरिया,
तेरे इक इक पहरे लगाऊ मै ।
बताऊ तुझको मै बहकी बहकी बाते ,
कह कह तुझको सुनाऊ मै ।
दिल के इशारे सुन ले ,
आजा मेरे दिवाने सुन ले ,
महफिल मे मुस्कुराऊ मै ।
दे कर दिल ये मेरा ,
तुझसे लाख सौदे लगाऊ मै ।
लड़िया मिलन की तु जोड़ जा सांवरिया,
तेरे इक इक पहरे लगाऊ मै । ।
काजल सोनी
Bahut khoobsoort….kya baat hai…Waah…
अच्छा प्रयास………..!
आप दोनो का धन्यवाद । आपके सुझाव भी अवश्य लिखे
सुन्दर प्रेम गीत काजल जी
काजल जी, रचना में शब्द संयोजन अच्छा है भाव भी खूब उभरे है मगर गीत में लय का कुछ अभाव सा प्रतीत होता है,……माफ़ कीजियेगा मेरे विचारों को सकारात्मक लीजिएगा !!