तू माने ना माने हम तेरे दीवाने
ले हाथ तू पकड़ मितवा तरसा ना रे
तू माने ना माने हम तेरे दीवाने
हम तेरे दीवाने हम तेरे दीवाने
हम तेरे दीवाने हम तेरे दीवाने
तू माने ना माने हम तेरे दीवाने……………………….
अहिस्ता अहिस्ता रानी दिल में चली आना
दे दे तू सहारा अपने दिल विच मेरी जाना
करना ना किनारा नही दूर चली जाना
प्यार का लेके पैगाम दौड़ी दौड़ी आना
सुन ले दिलबर जानी हम तेरे दीवाने
तू माने ना माने हम तेरे दीवाने……………………….
खुली अलकें उड़ती हैं जब शानों पे हमदम
चार चाँद लग जाते तेरे गालों पे हमदम
जिन्हें देख जलधि सी मन में उठती है तरंग
प्यार की झप्पी प्यारी सी एक दे दे ना सनम
अरे कह दे दिलबर जानी हम तेरे दीवाने
तू माने ना माने हम तेरे दीवाने……………………….
तोड़ दो भ्रम बरखा प्यार की करो
अफसाना बन जाये प्रेम ऐसा करो
प्यार के जज्बात यूँ ही खाली नही जायेंगे
एक दिन आयेगा ऐसा तुम भी मुस्करायेंगे
बोलेंगे खुद आकर हमसे मेरे दीवाने
तू माने ना माने हम तेरे दीवाने……………………….
“मनोज कुमार”
गीत रचना भावमय है मनोज जी…….प्रेम की अनुभूति और प्रेमी के शब्द को आपने अच्छे ढंग से लेखनी में पिरोया है……
रचना नजर करने के लिए हार्दिक आभार सुरेन्द्र नाथ जी
आपकी रचना बहुत ही अच्छी लगी, मन को छू गई
देखने के बाद दीवाना कर के ही छोड़ेंगे……आप नहीं मानेंगे….बहुत खूब….
सुंदर गीत ………………….
खूबसूरत प्रेम गीत …………अति सुन्दर मनीज !!
रचना नजर करने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार