प्रेमी –
जी चाहता है तुझसे तेरे गम चुरा लु ,
तेरे इन शबनमी होठो से शबनम चुरा लु ।
तुझे दुर जाते हुए कैसे देख पायेगी मेरी ये ऑखे,
काश ये ऑखे ही बंद हो जाये,
या इन ऑखो मे मै तुमको छुपा लु ।
ख्वाहिश गर हो तुम्हे भी मिलने की,
तो लिखना ,
इस जमाने से लड़ कर भी तुझे मै अपना बना लु ।।
प्रेमिका –
ख्वाहिशे दिल की हरदम पुरी नही होती,
सिर्फ जिस्मो के दुर जाने से मोहब्बत अधूरी नही होती,
मिल चुके है हम तुम,
जब मिले थे दो दिल ये हमारे ।
दुर रहकर भी साथ चलेंगे हमेशा,
जैसे चलते है नदी के ये दो किनारे ।।
काजल सोनी
Just Marvelous…….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका मधुकर जी ।
बहुत बहुत सुन्दर…..waaaaaaahhhhhhh !!
आप दोनो का दिल से धन्यवाद
Once again …….fabulous job on love feeling with good description .
बहुत बहुत धन्यवाद निवातिया जी
Nice lines describing feeling of true lovers…………
धन्यवाद आपका सुरेंद्र जी