मौसम की तरह ….
मेरा इश्क़ निखर गया
मौसम की तरह
मेरा नूर बिखर गया
जादू की तरह
जा बसी तुझमे मैं
खुशबू की तरह
खो गया तू मुझ में
सपनो की तरह
बह चले हम तुम
बादल की तरह
खामोशियाँ भी सुन लीं
धड़कन की तरह
गुनगुनाया गीत नया
बेफिक्रो की तरह
बंध गए डोर से
साँसों की तरह ..
–स्वाति नैथानी
बहुत खूब…….
अच्छी कोशिश……
स्वाति प्रेम के असर को बहुत खूबसूरती से आपने उकेरा है
अति सुंदर प्रेम अभिव्यक्ति …………..!!