सपने है या पिंजरे के पंछी
कुछ दिन आँखों मे रहते है,
फिर चुपके से उङ जाते है।
कुछ स्याह लकीरे मिट जाती है,
फिर नए अफसाने बनते है,
कुछ कोरे पन्ने जुङ जाते है।
अजब खेल है तेरा किस्मत,
कुछ कच्ची गांठे रह जाती है
और पक्के बखिये उधङ जाते है।
यह कौन राह है इश्क की जाने
कुछ दिन इस पर चलते है और
फिर जाने क्यूँ मुङ जाते है।
lovely lines …..
Thanks swati ji
बहुत सुन्दर…….
आपका सभी का बहुत बहुत शुक्रिया