न जाने कब का निकल चुका है वो….
एक झोंके की तरह आया और गुज़र गया वो…
फिर भी क्यूँ वहम सा हो गया मन को….
टीस सी उठती है..तो लगता है के दिल में है वो….
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/सी.एम. शर्मा (बब्बू)
Not much to write about myself. just pen down what comes in mind.
8 Comments
सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप12/05/2016
ऐसा ही होता है , हम अपने दिल को यकीं दिल नहीं पाते की अब वो हमारे बीच नहीं…. दिल सच्चाई जानकर भी अनजान बना रहता है, सच में चन्द पक्तियाँ वास्तविक भाव खोल रही है…..
ऐसा ही होता है , हम अपने दिल को यकीं दिल नहीं पाते की अब वो हमारे बीच नहीं…. दिल सच्चाई जानकर भी अनजान बना रहता है, सच में चन्द पक्तियाँ वास्तविक भाव खोल रही है…..
बहुत बहुत आभार आपका…सुरेन्द्र नाथ जी….
बहुत खूब बब्बू जी……… सत्य कहा आपने……….. ये मन चंचल बावरा …………भरम ही तो जीने के आस है और शायद इसी का नाम जिंदगी ……..!!
बहुत ही सही कहा आपने…बहुत बहुत आभार आपका …
beautiful. Aisa hi hotaa hai jab koi man me samaa jaae.
मधुकरजी….मैंने ऐसे ही थोड़ी कहा कि आप बहुत बड़े सर्जन हैं….हा हा हा……
इश्क चीज़ ही ऐसी है |
सही कहते हैं आप…शुक्रिया आप का…