ऐ खुदा तू मुझपे इतना करम करना,
मेरे महबूब को नजरो से कभी ना जुदा करना !
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सोते जागते हो दीदार उनकी सूरत का,
जब आये आखिरी साँस, सर उनकी बाँहो में रखना !!
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डी. के. निवातियाँ [email protected]
ऐ खुदा तू मुझपे इतना करम करना,
मेरे महबूब को नजरो से कभी ना जुदा करना !
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सोते जागते हो दीदार उनकी सूरत का,
जब आये आखिरी साँस, सर उनकी बाँहो में रखना !!
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डी. के. निवातियाँ [email protected]
वाह….क्या बात है…अत्ति उत्तम….तथास्तु….
धन्यवाद बब्बू जी………. आपकी शुभकामना फलित हो !!
क्या खूब कही आपने डी के सर….दिल के अरमान लेखनी से निकाल कर परोश दिया आपने……
सरहानीय प्रतिक्रिया के लिए अनेको अनेको धन्यवाद सुरेन्द्र ……..!!
निवातियाँ जी अति सूंदर
Many many thanks shishir ji……
बेपनाह मोहब्बत की इन्तेहा ………………………….. बेहतरीन निवातियाँ जी !!
Thanks for your energetic comments Sarvjeet ji .
Nice One Nivatiya ji
Thanks for comments …… Inder