बेईमान
सुनहरी धूप को ना बदलो काली घटा में
अपनी ज़ुल्फ़ें लहरा कर …………………….
अगर मौसम बेईमान हुआ
तो ये दिल भी मचल जाएगा ………………..
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
बेईमान
सुनहरी धूप को ना बदलो काली घटा में
अपनी ज़ुल्फ़ें लहरा कर …………………….
अगर मौसम बेईमान हुआ
तो ये दिल भी मचल जाएगा ………………..
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
सर्वजीत जी, यकीनन लाजबाब…
हार्दिक आभार आपका सुरेन्द्र जी !!
किसी की अदाओं के आप पर होने वाले असर का खूब चित्रण किया है सर्वजीत
तहे दिल से आपका शुक्रिया मधुकर जी ……………………….. दिल तो पागल है, दिल दीवाना है ….. सर !!
उम्दा सर्वजीत जी ……प्रतुत्तर में बस इतना कहूंगा ….
“ये मोहब्बत का जादू है बाबूजी,
सर चढ़कर बोलता है …….
जितना बरसोगे,
उतना ही बदन जलता ही जाएगा !!”
बहुत खूब निवातियाॅ जी ———– क्या बात है आपके प्रतुत्तर की, बहुत बहुत धन्यवाद !!