ख़ामोशी
सब कुछ बयाँ कर देती है खामोशी
जब दिल से दिल की बात हो …………………..
गूंगा बेहरा हो जाता है इश्क़
जब दो दिलों का साथ हो ………………………
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
ख़ामोशी
सब कुछ बयाँ कर देती है खामोशी
जब दिल से दिल की बात हो …………………..
गूंगा बेहरा हो जाता है इश्क़
जब दो दिलों का साथ हो ………………………
शायर : सर्वजीत सिंह
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वाह लाजवाब……
बहुत बहुत धन्यवाद शर्मा जी !!
सर्वजीत जी अंतिम दो पंक्तिया बरबस कई बार पढने का जी करता है।।
प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सुरेन्द्र जी !!
बेहतरीन……………….
प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद मधुकर जी !!