सिगरेट का टुकड़ा
सिगरेट का छोटा -सा टुकड़ा
सडक़ किनारे दिखाई दिया
मोटरों के आने-जाने से
घिसटता-रिपटता हुआ वह
उनके साथ था बह रहा
मोटरों की रतार ने
उसको ऐसा थपेड़ा दिया
तभी———-
वह न जाने क्यों अचानक
मुझे दिखाई ना दिया
उसी समय कुछ दूरी पर
दिया दिखाई कुछ धुंआ
पास जो उसके मैं पहुंचा
वहां पड़ा था ईंधन बहुस सा
ईंधन में भक आग लगी
वह अचानक जल उठा
तभी मन में विचार ये आया
छोटा बड़ा कुछ नही है
यह वही छोटा टुकड़ा है
जिसने यह ईंधन जला दिया
यदि होता कोई घर यहां
तो उसका क्या हसन होता
नुकसान बहुत होता यहां
इसलिए ही तो मैं कहता हूं
सिगरेट फें को हमेशा बुझा ।
सही कहा आपने…छोटी छोटी बातों का ध्यान ना रखा जाए तो बहुत नुक्सान हो सकता…सुन्दर…